LORD KRISHNA QUOTES IN HINDI
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Quote 1
आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है, ना ही इसे जलाया जा सकता है, ना ही पानी से गिला किया जा सकता है, आत्मा अमर और अविनाशी है।
Quote 2
कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ लेता है, जैसे कोई बछड़ा सैकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है।
Quote 3
व्यक्ति या जीव का कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण करता है ।
Quote 4
आत्मा पुराने शरीर को वैसे ही छोड़ देती है, जैसे मनुष्य पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है।
Quote 5
मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता और ना ही किसी के कर्मो के फल देता हूँ।
Quote 6.
इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।
वर्तमान परिस्थिति में जो तुम्हारा कर्तव्य है, वही तुम्हारा धर्म है
Quote 7
इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।
Quote 8
मोहग्रस्त होकर अपने कर्तव्य पथ से हट जाना मूर्खता है, क्योंकि इससे ना तो तुम्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी और ना ही तुम्हारी कीर्ति बढ़ेगी ।
Quote 9
मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।
Quote 10
मन शरीर का हिस्सा है, सुख दुख का एहसास करना आत्मा का नहीं शरीर का काम है ।
Quote 11
मेरे भी कई जन्म हो चुके हैं, तुम्हारे भी कई जन्म हो चुके हैं, ना तो यह मेरा आखिरी जन्म है और ना यह तुम्हारा आखिरी जन्म है ।
Quote 12
मान, अपमान, लाभ-हानि खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है ।
Quote 13
धर्म युद्ध में कोई भी व्यक्ति निष्पक्ष नहीं रह सकता है. धर्म युद्ध में जो व्यक्ति धर्म के साथ नहीं खड़ा है इसका मतलब है वह अधर्म का साथ दे रहा है, वह अधर्म के साथ खड़ा है ।
Quote 14
हे अर्जुन अगर तुम अपना कल्याण चाहते हो, तो सभी उपदेशों, सभी धर्मों को छोड़ कर मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हें मुक्ति प्रदान करुंगा ।
Quote 15
भगवान प्रत्येक वस्तु में, प्रत्येक जीव में मौजूद हैं ।
Quote 16
आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है ।
Quote 17
मैं सभी प्राणियों को जानता हूँ, सभी के भूत, भविष्य और वर्तमान को जानता हूँ. लेकिन मुझे कोई नहीं जानता है ।
Quote 18
मुझे जानने का केवल एक हीं तरीका है, मेरी भक्ति, मुझे बुद्धि द्वारा कोई न जान सकता है, न समझ सकता है ।
Quote 19
जन्म लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है, और मरने वाले व्यक्ति का फिर से जन्म लेना निश्चित है ।
Quote 20
जो मुझे जिस रूप में पूजता है… मैं उसी रूप में उसे उसकी पूजा का फल देता हूँ ।
Quote 21
मैं हीं इस सृष्टि की रचना करता हूँ, मैं हीं इसका पालन-पोषण करता हूँ और मैं हीं इस सृष्टि का विनाश करता हूँ ।
Quote 22
अहम् भाव ही मनुष्य में भिन्नता करने वाला है ,अहम् भाव न रहने से परमात्मा के साथ भिन्नता का कोई कारण ही नहीं है.
Quote 23
“मैं करता हूँ ” ऐसा भाव उत्पन्न होता है इसको ही ” अहंकार ” कहते है .
Quote 24
साधारण मनुष्य शरीर को व्यापक मानता है , साधक परमात्मा को व्यापक मानता है जैसे शरीर और संसार एक है ऐसे ही स्वयं और परमात्मा एक है |
Quote 25
शास्त्र, वर्ण , आश्रम की मर्यादा के अनुसार जो काम किया जाता है वह ” कार्य ” है और शास्त्र आदि की मर्यादा से विरुद्ध जो काम किया जाता है वह ” अकार्य ” है .
Quote 26
जीवन न तो भविष्य में है न अतीत मैं ,जीवन तो बस इस पल मैं है .
Quote 27
निद्रा , भय , चिंता , दुःख , घमंड आदि दोष तो रहेंगे ही , दूर हो ही नहीं सकते ऐसा मानने वाले मनुष्य कायर है .
Quote 28
संसार के सयोग में जो सुख प्रतीत होता है , उसमे दुःख भी मिला रहता है .परन्तु संसार के वियोग से सुख दुःख से अखंड आनंद प्राप्त होता है .
Quote 29
उत्पन्न होने वाली वस्तु तो स्वतः ही मिटती है , जो वस्तु उत्पन्न नहीं होती वह कभी नहीं मिटती |आत्मा अजर अमर है | शरीर नाशवान है |
Quote 30
कर्म मुझे बांध नहीं सकता क्यों की मेरी कर्म के फल में आसक्ति नहीं है .
Quote 31
हे अर्जुन तू युद्ध भी कर और हर समय में मेरा स्मरण भी कर
Quote 32
मनुष्य अपनी वासना के अनुसार ही अगला जन्म पाता है .
Quote 33
यह संसार हर छड़ बदल रहा है और बदलने वाली वस्तु असत्य होती है .
Quote 34
प्रत्येक कर्म को कर्त्तव्य मात्रा समझकर करना चाहिए . स्वरुप से कर्मो का त्याग करने से तो बंधन होता है पर सम्बन्ध न जोड़कर कर्त्तव्य मात्रा समझ कर कर्म करने से मुक्ति होती है |
Quote 35
Quote 35
वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है.
Quote 36
अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ.
Quote 37
कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है.
Quote 38
कर्म उसे नहीं बांधता जिसने काम का त्याग कर दिया है.
Quote 39
यद्द्यापी मैं इस तंत्र का रचयिता हूँ,लेकिन सभी को यह ज्ञात होना चाहिए कि मैं कुछ नहीं करता और मैं अनंत हूँ.
Quote 40
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और
“मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है.
Quote 41
जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन
करें.
Quote 42
हे अर्जुन !, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता.
Quote 43
केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है.
Quote 44
वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना
जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं.
Quote 45
हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है.
Quote 46
मेरी कृपा से कोई सभी कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी बस मेरी शरण में आकर अनंत अविनाशी निवास को प्राप्त करता है.
Quote 47
मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं.
Quote 48
किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े.
Quote 49
अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है.
Quote 50
हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है.
LORD KRISHNA QUOTES IN HINDI | श्रीमद्भगवद्गीता अनमोल वचन
Reviewed by Rahul
on
January 04, 2020
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